लेखनी कहानी -24-Jan-2022 बेवफा
भाग 4
आदी घर तो आ गया था लेकिन उसका ध्यान मीना पर ही था । थोड़ी देर में मीना भी आ गई । आदी को गुस्सा आ रहा था । उसने कहा "अगर उसके साथ ही "जटाधारी" जाना था तो मुझसे साफ साफ कह देती" ?
मीना यह सुनकर सन्न रह गई । उसे उम्मीद नहीं थी कि आदी को पता चल जाएगा । बात संभालने में वह अब एकदम दक्ष हो गई थी । उसने तुरंत कहा "अरे वो ऐसा हुआ कि साहब ऑफिस में काम कर रहे थे । घर से उनकी पत्नी का फोन आ गया कि पिकनिक चलते हैं । साहब ने कहा कि काम है और मैं भी वहां हूं । मेमसाब ने कहा कि मुझे भी लेकर जाना है , अक्षरा की डिमांड है । इसलिए मुझे भी ले गए थे" ।
"मगर वहां पर मेमसाब और अक्षरा तो नजर नहीं आई " ?
"तुम भी गए थे क्या वहां" ?
" हां, मैं और राज दोनों गये थे"
अब मीना को समझ आ गया कि राज ने उसे आनंद के साथ वहां देख लिया था । तुरंत उसने बात संभाली "वो अक्षरा घूमते घूमते थोड़ा आगे चली गई थी । मेमसाब उसके पीछे-पीछे चली गई थी । शायद तुमने तभी देखा होगा " ।
आदी के मन का वहम खत्म हो गया था । उसे अपने आप पर लज्जा आ रही थी कि उसने मीना पर शक किया । बोला "मुझे माफ़ कर दो , जान । मैंने तुम पर शक किया" ।
"शुक्र है, जनाब को अपनी गलती का अहसास तो हो गया । शक का कीड़ा बहुत बुरा होता है 'गुरूजी' , अब दुबारा इसे कुलबुलाने मत देना" । और वह जोर से खिलखिलाकर आदी से लिपट गई । बहुत दिनों बाद आज आदी को उसका पुराना वाला सानिध्य मिला था । आदी खुश हो गया।
इधर आनंद ने मीना को अपने प्रभाव से कुछ कला मंचों पर गाने का अवसर दिलवा दिया । मीना अब काफी लोकप्रिय गायिका बन चुकी थी ।
एक दिन आनंद और मीना जब अंतरंग क्षणों में थे तो आनंद ने कहा "मीना , मेरी एक बात मानोगी " ?
"आदेश कीजिए । फिर देखना"
"नहीं, मैं तो बस यह कह रहा था कि तुम अब अपने राज्य में तो काफी लोकप्रिय हो गई हो । मैं चाहता हूं कि तुम न केवल देश में अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रख्यात गायिका के रूप में प्रसिद्धि पाओ"
"क्या सचमुच ऐसा हो सकता है" ? मीना ने आनंद को बांहों में कस लिया उत्तेजना के कारण।
"क्यों नहीं ? दुनिया में असंभव क्या है ? देखना , थोड़े दिनों में तुम बॉलीवुड की महान सेलिब्रिटी बनने वाली हो । फिर तुमसे मिलने के लिए मुझे अपॉइंटमेंट लेना पड़ेगा " । और आनंद ने उसके गाल पर हल्की सी चपत लगा दी ।
मीना उसके और नजदीक आते हुए बोली "आप तो मेरे भगवान हो । भला आपको अपाइंटमेंट लेने की क्या जरूरत ? मुझे एक आवाज लगाना । मीना दौड़ती हुई आएगी और गले लग जाएगी" । और मीना आनंद के गले लग गई ।
आनंद का एक बैचमेट मुंबई में कलेक्टर था । आनंद ने उससे बात की । उन दिनों "इंडियन आइडल" कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों का चयन किया जा रहा था । उसने आयोजकों से बात कर उसका एक वीडियो टेप आयोजकों को दे दिया । वीडियो देखकर आयोजकों ने उसे अनुमति दे दी । अब मीना को मुंबई में रहकर "योग्य संगीतकारों के साथ अभ्यास करना था और इस प्रोग्राम में भाग लेना था । लगभग तीन महीने का समय मुंबई में गुजारना था ।
आनंद ने उसके रहने और अभ्यास की समस्त व्यवस्थाएं अपने बैचमेट के माध्यम से करवा दीं । मीना ने अपने खाते में जमा करीब दस लाख रुपए आनंद को देने चाहे । आनंद ने कहा "तुम अभी तक आनंद को जान ही नहीं पाई हो । दस लाख क्या तुम पर तो आनंद दस करोड़ भी खर्च कर सकता है " । यह सुनकर मीना भाव विभोर होकर उससे चिपक गई ।
जाने से एक दिन पहले आदी को उसने बताया था । आदी ने कहा "इतना सब कुछ कर लिया तुमने और मुझे बताया तक नहीं" ? । उसके स्वर में उलाहना था ।
"अरे , मैंने कहां किया यह सब कुछ । यह तो कलेक्टर साहब की मेहरबानी है " । मीना हंसते हुए बोली ।
"ऐसा नहीं लगता है कि कलेक्टर साहब कुछ ज़रूरत से ज़्यादा मेहरबानी कर रहे हैं" ? आदी ने व्यंग्य कसा ।
मीना ने घूर कर आदी को देखा तो आदी बोल पड़ा "अरे , मैं तो मजाक कर रहा था । क्या अब मजाक करने का भी अधिकार नहीं है" ?
"ऐसा क्यों कहते हो । तुम तो मेरे पति , मित्र, गुरु, भगवान सब कुछ हो । यहां तक पहुंचने का एकमात्र कारण तुम ही हो । अगर तुम नहीं होते तो मैं किसी खेत में घास खोद रही होती" । इमोशनल कार्ड खेल गई मीना । तुरुप का इक्का साबित हुआ यह इमोशनल कार्ड। आदी उसकी बांहों में समा गया ।
अगले दिन मीना मुंबई के लिए फुर्र से उड़ गई। होटल वगैरह का सब इंतजाम था उसके लिए । एक गाड़ी और ड्राइवर की व्यवस्था भी थी । उसके पहुंचने के थोड़ी देर बाद आनंद भी आ गया था वहां पर । मीना बहुत खुश हुई उसे देखकर । दोनों निर्विघ्न रूप से मिले । उस दिन एक अलग ही अनुभूति हुई मीना को । लंच के बाद दोनों मुंबई की सड़कों पर घूमने निकल गए ।
इंडिया आइडल का पहला प्रोग्राम हुआ । मीना ने "पिया तोसे नैना लागे रे" गाना गाया । स्टूडियो में धूम मच गई। अद्भुत आवाज और अंदाज था मीना का । जज के रूप में बड़े बड़े संगीतकार रीतेश हेशमिया , सोनू मलिक और विकास ग्रोवर थे । तीनों ने उसे स्टैंडिंग ओवेशन दिया । वह अगले राउंड के लिए चुन ली गई ।
आज मीना की खुशियों का कोई ओर छोर नहीं था । यह दिन आनंद की बदौलत आया था उसकी जिंदगी में । एक नई मंजिल की ओर पहली पायदान चढ़ चुकी थी वह । वह आनंद के सामने कृतज्ञता से बिछ गई थी । आनंद चला गया ।
धीरे धीरे मीना ने सभी राउंड पास कर लिए थे । कल फिनाले था । फिनाले के लिए वह थोड़ी नर्वस नजर आ रही थी । इतने में आनंद का मैसेज आ गया । वह आ रहा था । मीना खुशी से उछल पड़ी । आनंद के आने से उसका आत्मविश्वास बढ़ गया ।
फिनाले के लिए उसने श्रेया घोषाल का गाना "अगर तुम मिल जाओ , जमाना छोड़ देंगे हम" और सुनिधि चौहान का गाना "बीड़ी जला ले जिगर से पिया, जिगर मा बड़ी आग है" सलेक्ट किया। आनंद ने भी इनका समर्थन किया। फिनाले का सीधा प्रसारण हो रहा था । आदी भी टेलीविजन पर देख रहा था ।
जब उसका नंबर आया तो उसने दोनों गानों से धमाल मचा दिया । वह इंडियन आइडल की विजेता चुन ली गई। मंच पर ट्रॉफी के लिए जब उसे बुलाया तो उसने आनंद को भी मंच पर बुला लिया। आदी यह दृश्य देखकर टूट गया । उसकी रूलाई फूट पड़ी । उस दिन उसने जो मीना और आनंद को पिकनिक में देखा था वह सत्य घटना सिद्ध हुई । लोग जो बातें बनाते थे वे सही साबित हुए । एक वह ही गलत साबित हुआ । वह पूरी तरह से टूट गया था । उसकी मां को जब यह पता चला तो वह उसके पास आ गई।
इधर मीना को अब बड़े बड़े संगीतकार मिलने लगे । रीतेश हेशमिया ने उसकी सफलता पर एक बहुत बड़ी पार्टी रखी थी । बॉलीवुड की सभी संगीत की हस्तियां उसमें शामिल हुई । मीना को रीतेश हेशमिया ने एक फिल्म के लिए साइन कर लिया था । अब मीना के लिए एक पी ए , एक ब्यूटीशियन, एक डिजाइनर की व्यवस्था कर दी गई । यह सब व्यवस्थाएं रीतेश हेशमिया ने की थी । किसी को एक लाख तो किसी को पांच लाख रुपए महीना देना था । रीतेश हेशमिया ने एक करोड़ का चैक एडवांस के रूप में मीना को दे दिया था मीना को ऐसा लगा कि वह जन्नत में सैर कर रही है। इस सम्मान की उसने कल्पना तक नहीं की थी । वह एक सेलिब्रिटी बन गई थी
पार्टी में "पीने" का भरपूर इंतजाम था । हर कोई जो उस पार्टी में आया था, पैग ले रहा था । रीतेश हेशमिया ने एक पैग मीना को पकड़ाते हुए कहा "चीयर्स" । मीना संकोच से दोहरी हुई जा रही थी । रीतेश ने उसके मुंह से प्याला सटा दिया । मीना ने एक सिप ले लिया । आज उसने हाई फाई सोसायटी में जो कदम रखा था । फिर तो सभी जाने माने संगीतकार अपने अपने जाम में से एक एक सिप उसे पिलाते रहे । मीना नशे में पूरी टल्ली हो गई और वहीं गिर पड़ी । बैरों ने उसे उठाकर उसके कमरे में पहुंचाया ।
सुबह जब मीना की आंख खुली तो अपने पास रीतेश हेशमिया को सोते पाया । वह एकदम से भौंचक्की रह गई । कल रात की एक एक घटना उसे याद आने लगी । अपनी हालत पर एक बार तो उसे रोना आया था । मगर अब क्या कर सकती है। चकाचौंध में वह इतनी आगे निकल जाएगी , यह उसने सोचा ही नहीं था ।
शेष अगले अंक में